क़ुरबानी याद रहेगी 







देश को दी आजादी की क़ुरबानी याद रहेगी

मुक्त फिरंगी हो भारत ये कहानी  याद रहेगी

भारत के अमर सपूतो की क़ुरबानी याद रहेगी

सोने की चिड़िया था भारत

पड़ी नज़र उन गोरों  की

व्यापारी का भेष बना

जानी उसने कमजोरी थी

राजाओ की खुशामद  कर सबके मन पर वो छाया था

‘फूट डालो राज करो’ सिद्धांत यही अपनाया था

कुछ चंद कपूतो की मेहरबानी याद रहेगी



भारत की अमर सपूतो की क़ुरबानी याद रहेगी

पहली जंग वो आज़ादी की छिड़ी थी सन सत्तावन में

लक्ष्मी ,नाना ,मंगल ने रखी तलवार भुजाओ में

गुमी हुई आज़ादी की कीमत सबने पहचानी थी

खूब लड़ी मर्दानी वो तो झाँसी वाली रानी थी

उस वीर जनानी द्वारा लाई सुनामी याद रहेगी

इस देश की अमर सपूतो की क़ुरबानी  याद रहेगी

जैसे तैसे दी  बीत गए उस अंग्रेजी कुशासन में

फिर से धधक उठी चिंगारी भारत माँ के लालो में




लाला जी के साथ खड़ा हर भारतवाशी बोला था

चन्द्रशेखर की आज़ादी ने बच्चा-बच्चा जोड़ा था

उद्धम सिंह की लन्दन वाली मनमानी याद रहेगी

भारत के अमर सपूतो की क़ुरबानी याद रहेगी

सुखदेव , भगत और राज गुरु ने अंग्रेजो को तोड़ दिया

बोस की हिन्द फ़ौज ने ब्रिटिश शासन को मोड़ दिया

मदन मोहन ,अस्फाउल्लाह ने फांसी का चोला ओढ़ लिया

गुरुदेव की वह उपाधि लौटानी याद रहेगी

इन्कलाब वाली कहानी मुह जबानी याद रहेगी

इस देश की अमर सपूतो की क़ुरबानी याद रहेगी



जय हिन्द , जय भारत 


कवि- हर्ष पाण्डेय