अंगूठी में जड़े नगिने होते हैं ,
ये दोस्त बड़े कमीने होते हैं
ज्यादा नहीं हैं दो-चार ही हैं,
हर मिजाज के हैं,
और Engineering की वजह से थोड़े रंगीन भी हैं
मेरी हर हारी बाजी को अपना मान लेते हैं
पर जब मारने की बारी आए तो लेते हैं,
बड़ी खुशी से एक दुसरे की खिल्ली उड़ाते हैं,
पर जब जरूरत हो,
तो दोस्त सबसे पहले नजर आते हैं
मै उन्हें ना भी बताऊ तो भी वे समझ जाते हैं
हर मामले में मेरी राय तेरी राय वाली बात करने लग जाते हैं,
जिसके यहां जैसा जिसका हाल है वो बताता है
पर ये तो दोस्ती है इसमें तो दो गाली उस वक्त को
और उसका भी मज़ा लिया जाता है,
बैठे हैं,
सभा लगी है ,
अचानक से फोन बज गया,
तब तो सामत ही समझो और अगर गलती से
recieve कर लिया तो breakup समझो,
10 दोस्त यहां मज़ा लेंगे वहां तुम बाबू सोना
कहके मनाओगे।
और अगर दोस्त की नजर फिर पड़ी तो इस बार
तुम फूल बरसाओगे,
वैसे वहां कोई बुरा नहीं मानता
गाली का क्योकि मां-बाप बदल जाते हैं,
नाते रिश्तेदार - सब उथल पुथल हो जाते हैं
हम भी शपथ लेते हैं,
जाने क्या-क्या कशमे वादे वो भी दोस्तों के साथ
रात के 2:00 बजे चाय के बहाने घुमने निकलना,
कभी अचानक से wardan की cheaking हो
जाना , सबसे TOP Flour की छत पर नहाना
बड़े-बड़े कृतिमान स्थापित किए हैं।
कुछ seniors के साथ,
कुछ super senior और कुछ Final year
senior के साथ,
हमने college में क्या क्या नहीं देखा
कभी किसी की तबीयत बिगड़ने पर senior को
मदद करते देखा।
कभी पेड़ लगवाना हो तो first year से लगवाते
देखा और,
एक Professor जी लड़कियो को देख scotty
धीरे पर लडको के Late हो जाने पर,
acceletor पर पूरी जान झोकते देखा है
पर अब थोड़ी Race start हो गई है
तब भी थी,
पर दिखती नहीं थी
अब बात Life की है
बहाव में मै कही और बह गया
कहना कुछ चाहता था,
कह कुछ और गया ।
Composed by:- हर्ष पाण्डेय
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❣️❣️❣️❣️
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