/././././ परदेश ./././././





थोड़ा सा अलग है,पर मैं अपना बना लुंगा

जादा करीब मत आना,मैं तुम्हे अपना बना लुंगा।

महसूस नहीं होता कुछ भी, जब कोई सपना टूट जाता 

है

इस बार सपने में मैं अपनो को बुला लुंगा।

बसर हो नहीं जाता है , बसर करना पड़ता है

कोई तकलीफ़ नहीं, मैं सब्र और कर लुंगा।

जब वो सास लेता है तो मुझमें जान आती है

इस जां से मैं सफ़र और कर लुंगा।

बड़ी मेहरबानी हुई तुम पर भी , तुम्हें कोई साथी तो

 मिल

तुम जाओ खुशिया मनाओ, "शगुफ्ता" का साथ मैं ही 

कर लुंगा।



 

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