मतलब की बात: 6




कहीं ऐसी बात हुई थी कि ये भी लिखना पड़ रहा है , मैं ख़ुद ही कुंठा में हु वो भी खुदी से मैंने बहुतों का सहयोग किया पर जीवन में कुछ मलाला रह ही गया अब क्या किया जाए और क्या नहीं ।

" मिलने पर सब यार बदल जाते हैं
जताओ तब भी प्यार बदल जाते हैं
जिस वक्त में तुम खुद को सिकंदर कहते हो
अगले ही पल सब जज़्बात बदल जाते हैं "

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