बड़ा तनहा तनहा हूं मरीज़ इश्क का होकर
कुछ फुर्सत की घडियां लेकर मिलने आ जाओ
हुसन वो जानिशानी है इश्क की राह ठानी है
रकीबो की नज़र से बचकर मिलने आ जाओ
ज़माना आजकल मुझको बड़ा शायर समझता है
हर्ष का हशर कुछ भी हो बस तुम मिलने आ जाओ
शब से रात हो जाए बातों भी खतम ना हो
तुम्हारा गुस्सा हो काफूर और मिलने आ जाओ
( ╹▽╹ )
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हर्ष पाण्डेय
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