शेष वेश




करीब करीब मेरे करीब कोई नहीं आया
नसीब नसीब मेरा जहनसीब कभी नहीं आया

अजीब अजीज़ दिल का मरीज़ कह रहे हैं लोग
नजीब हुआ खुशनसीब जब रकीब नहीं आया

तदीब बताता है ढेरों तरकीब ला करके
इश्क के मर्ज का अबतक इलाज़ नहीं आया

अदीब बोल रहा बड़ी तहज़ीब ले करके
ऐसा फ़साना कभी किसी का नहीं आया 

(⁠✷⁠‿⁠✷⁠)
हर्ष पाण्डेय 



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