काल को भी भय में जो डाल देती हैं |
जब हाथों मे अस्त्र - शस्त्र ढाल लेती हैं |
असुरों के रक्त से जो स्नान करती हैं |
जब उन महादेवी का भक्त नाम लेते हैं |
सूर्य से भी ज्यादा तपित हैं जिनका तेज |
पर भक्तों के लिए जैसे आकाश में छाए मेघ |
ज्ञानियों को भी जो मोह में डाल देती हैं |
जब उन महादेवी का भक्त नाम लेते हैंं |
देवता भी जिनका हर क्षण भजन करते हैंं |
महादेव जी जिनको सुमिरन करते हैंं |
वह महिषासुर जैसे असुरों को मार देती हैं |
जब उन महादेवी का भक्त नाम लेते हैंं |
Composed by :- हर्ष पाण्डेय
3 Comments
🤩🤩🤩🤩🤩🤩
ReplyDeleteGood one bhai.
ReplyDeleteJai mata di
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