तुम्हारे लिए




काफ़ी कुछ आता था उसे
दिल चुराना
आखों से रिझाना दिल को सुकून लाना
इन सबसे बढ़ कर
दिल दुखाना
नए आशिक़ बनाना
और
मुझे जलाना।

(⁠・⁠∀⁠・⁠)
हर्ष पाण्डेय

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