०/००/००/०बात है या नहीं ०/००/००/






ये भी अच्छी बात है कि अब मुझमें कोई बात नहीं

मैं तुम्हारा सुनहरा दौर था कभी अब कोई बात नहीं

देते थे दुआ मेरे हर एक काम पर

पर अब पहले जैसे हालात नहीं

कपड़े तो अच्छे ही पहनें हैं आज भी

पर इन कपड़ो में वो बात नहीं

सहजता जिसे तुम्हें ही माना जाता था

बेवकूफ़ कहके पलट जाते हैं चलो कोई बात नहीं

पहले बिना बातों के भी घंटों बातें हो जाया करती 

थीं

पर अब बिना काम के कोई बात नहीं

तुम्हारे शहर कुछ भी हो और मुझे ख़बर ना हो

अब मैं पहुचू और दिखाई ना दु चलो कोई बात नहीं

कोई "अनाब सनाब" बके तो कुछ कहना नहीं

ये लोग अपने थे कोई बात नहीं

और अगर जीवन जीना इसे ही कहते हैं

तो फिर छोड़ो कोई बात ही नहीं

लिखते लिखते थक जाओगे छोड़ो "शगुफ्ता"

उनमें कोई बात हो सकती है शायद तुम्हीं मे कोई 

बात

नहीं

लिखा कुछ भी हो पर मन में कोई बात ना लाना

जो कह रहा समझ में आएगा नहीं तब भी कोई 

बात

नहीं


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