बंदी




जिंदगी में कहीं कोई ठौर हो जाए
ये नाकाम कोशिश एक बार और हो जाए

रास्ते तो बहुत मिलेंगे मुसाफिरों को
पहले ये इश्क वाला पड़ाव पार हो जाए

गुजरता हर एक पल उसी की याद दिलाता है
अकेली रात कहती है कोई और मिल जाए

ख्याल अच्छा बुरा हो जाएगा
पहले वो मिल जाए फिर ख्याल मिल जाए।


🔖हर्ष पाण्डेय

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