फूल खिले घर-घर आंगन में
हर घर में खुशहाली छाई
खुशियों की सौगात है लाई
राखी की त्यौहार है आई
राखी की त्यौहार है आई
भोर भए जागें हैं नयना
खुशी से झूम मेरी बहना
कहती भईया दुर न रहना
इस दिन भी मजबूर न रहना
ये दिन बहना को दो भाई
राखी की त्यौहार है आई-२
थाल सजाकर राखी लाई
प्रेम पिरो आरती उतारी
एक कच्चे धागे में पिरो कर
बना लिया है मुझको भाई
अतिबङभागी बन बैठा
जो तेरे जैसी बहन है पाई
राखी की त्यौहार है आई-२
मैं कृष्ण नही तो ना ही सही
पर मैं तुमसे यह वादा मैं करूं
जिस छण तुमको मेरी आस लगे
उस छण मैं तेरे साथ रहु
यह वादा करता है भाई
रक्षा की तेरे कसम खाई
राखी की त्यौहार है आई
राखी की त्यौहार है आई।।
Composed by-:हर्ष पाण्डेय
5 Comments
सुंदर👌👌
ReplyDeleteAccha hai
ReplyDeleteBhaut badiya..
ReplyDeleteअति उत्तम
ReplyDeleteBahut badhiya ✌️
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