रात गहरी होती जाएगी
और सबकुछ बिखर जाएगा
तुम आओगी तो सबकुछ निखर जाएगा
रात तो काली है दिन भी काला हो जाएगा
तुम हो जाओगे उसके ज़हर भी प्याला हो जाएगा
कुछ वक्त लगेगा तुमको भी कुछ वक्त लगेगा
हमको भी
फिर सब ख़्याल हो जाएगा
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हर्ष पाण्डेय
ये वेबसाइट मेरी कविताओ का संग्रह है | मैं हर हफ्ते इस पर कविताये डालता हूँ |
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