रात काटनी पड़ेगी तुम्हारे इंतजार में
फंस गए हैं जब से तेरे इश्क़ के क़रार में
खूब चर्चा होगा महफ़िल में बाज़ार में
छूटेगा ना इश्क किसी भी हाल में
हर राह में हर मोड़ पर कहीं भी हो संसार में
हर्ष आ ही जाएगा तेरे हुस्न के जाल में
बर्बाद कह ही दिया है जब दुनिया संसार ने
फिर बर्बाद ही हो जाएंगे तेरे प्यार में
कहते हैं
आसान नहीं है तुझे पाना जो पा न सके तुझे प्यार में
दिलचस्पी हम भी नहीं करते आसान शिकार में
खिलाकर कसम कसम से तेरी हु हर हाल में
मरूंगा मैं ही कसम से मेरे हाल में
ये हुस्न वाली परियों, ये रहती हैं इसी चाल में
दिल, दिमाक सब ग़ायब कर जाती हैं प्यार में
ये तो किस्सा हर नस्ल का है हर्ष तुम क्यों हो इस हाल में
अब कैसे कहूँ मैं भी मारा गया हूं इसी चाल में
(◠‿◕)
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हर्ष पाण्डेय
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